education in corona

Corona महामारी में सबसे उपेक्षा अगर किसी क्षेत्र हुई तो वो एजुकेशन है। और सबसे बुरे हालत निजी टीचर के हुए। शिक्षक के लिये बहुत नीचे जा के काम करना सम्भव नही था और अपना शिक्षा स्थनो को बंद रखने का आदेश था।किसी सरकर 
ने इस बरे में नही सोचा। स्टूडेंट को बिना पढे रिजल्ट मिल राह ।उनका नॉलेज नही बड़ रहा है
किस स्तर पर स्टूडेन्ट का नॉलेज है ये जाने बिना सभी सरकार केवल अपना पला छुड़ाने के लये डिग्री बाट रही है। जब कोरोना के बीच चुनाव हो सकते है ।तो कुछ तरीका निकाल सकने की कोशीश तो होनी चाहिए थी। govt टीचर से एडवाइस ली जाती उनके अनुसार बन्द रहना ही उचित है। सैलरी तो मिलनी है l शिक्षा और शिक्षा के अधिकार का सवाल। कोरोना और कोरोना के पश्चात बच्चो की शिक्षा का स्वरूप कैसा दिखेगा, ये सोचने का विषय हैं l

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